Saving Account RBI Rule बचत खाता आजकल हर किसी की ज़रूरत बन गया है लेकिन क्या आप जानते हैं कि आपके बैंक खाते में नकद जमा और निकासी की भी एक सीमा होती है? आयकर विभाग ने इसके लिए कुछ नियम निर्धारित किए हैं, जिनका पालन करना आवश्यक है आइए, इन नियमों के बारे में विस्तार से जानते हैं।
नकद जमा की सीमा
दैनिक सीमा: यदि आप अपने बैंक खाते में एक दिन में ₹50,000 से अधिक नकद जमा करते हैं, तो आपको अपना पैन नंबर प्रदान करना अनिवार्य है पैन नंबर न होने की स्थिति में, फॉर्म 60/61 भरकर यह प्रक्रिया पूरी की जा सकती है यह कदम वित्तीय लेन-देन को पारदर्शी बनाने और कर चोरी पर अंकुश लगाने के लिए उठाया गया है।
वार्षिक सीमा: एक वित्तीय वर्ष में, यदि आपके बचत खाते में कुल नकद जमा ₹10 लाख से अधिक होता है, तो बैंक इस जानकारी को आयकर विभाग के साथ साझा करता है ऐसे मामलों में, आयकर विभाग आपके धन के स्रोत की जांच कर सकता है इसलिए, यह महत्वपूर्ण है कि आप अपने सभी लेन-देन का सही रिकॉर्ड रखें और आवश्यक दस्तावेज़ संजोकर रखें।
नकद निकासी की सीमा
बड़ी निकासी पर टीडीएस: आयकर अधिनियम की धारा 194N के तहत, यदि आप एक वित्तीय वर्ष में अपने बैंक खाते से ₹1 करोड़ से अधिक नकद निकालते हैं, तो 2% टीडीएस (स्रोत पर कर कटौती) लागू होता है हालांकि, यदि आपने पिछले तीन वर्षों में आयकर रिटर्न दाखिल नहीं किया है, तो यह सीमा घटकर ₹20 लाख हो जाती है, और ₹20 लाख से अधिक की निकासी पर 2% टीडीएस तथा ₹1 करोड़ से अधिक की निकासी पर 5% टीडीएस लागू होगा।
नकद लेन-देन पर अन्य महत्वपूर्ण नियम
₹2 लाख से अधिक नकद लेन-देन पर प्रतिबंध: आयकर अधिनियम की धारा 269ST के अनुसार, कोई भी व्यक्ति एक दिन में किसी एक व्यक्ति से ₹2 लाख से अधिक नकद प्राप्त नहीं कर सकता है, चाहे वह एक ही लेन-देन हो या कई लेन-देन शामिल हो इस नियम का उल्लंघन करने पर भारी जुर्माना लगाया जा सकता है।
बिना पैन के बड़े लेन-देन: यदि आप बैंक में ₹50,000 से अधिक नकद जमा या निकासी करते हैं, तो पैन नंबर प्रदान करना अनिवार्य है बिना पैन के बड़े नकद लेन-देन करने पर आयकर विभाग की नजर में आ सकते हैं, जिससे आपको नोटिस मिल सकता है।
आयकर नोटिस से बचने के लिए सुझाव
- लेन-देन का रिकॉर्ड रखें: अपने सभी नकद लेन-देन का सही रिकॉर्ड रखें और आवश्यक दस्तावेज़ संजोकर रखें, ताकि आवश्यकता पड़ने पर आप अपने धन के स्रोत को साबित कर सकें।
- पैन और आधार का उपयोग करें: बड़े लेन-देन करते समय हमेशा पैन और आधार नंबर का उपयोग करें, जिससे आपकी पहचान सत्यापित हो सके और आप आयकर विभाग की नजर में न आएं।
- डिजिटल लेन-देन को प्रोत्साहित करें: नकद लेन-देन की बजाय डिजिटल माध्यमों का उपयोग करें, जिससे न केवल आप आयकर नियमों का पालन करेंगे, बल्कि यह सुरक्षित और सुविधाजनक भी है।