1 अप्रैल से किराये पर संपत्ति देने वालों के लिए जारी होगा नया नियम, जानें मिलने वाले लाभ Property Rent Rule

Property Rent Rule भारत में संपत्ति किराए पर देने वाले मालिकों के लिए एक महत्वपूर्ण और सकारात्मक बदलाव आने वाला है 1 अप्रैल 2025 से, सरकार ने किराए से होने वाली आय और संबंधित कर नियमों में संशोधन करने का निर्णय लिया है, जिससे मकान मालिकों को सीधा लाभ मिलेगा इस लेख में, हम आपको इन नए नियमों के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान करेंगे और बताएंगे कि आप कैसे इनका पूरा लाभ उठा सकते हैं।

किराए की आय पर टीडीएस सीमा में वृद्धि

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने केंद्रीय बजट 2025-26 में घोषणा की है कि किराए पर स्रोत पर कर कटौती (TDS) की वार्षिक सीमा को ₹2.40 लाख से बढ़ाकर ₹6 लाख किया जाएगा इसका अर्थ है कि यदि आपकी वार्षिक किराए की आय ₹6 लाख तक है, तो आपको टीडीएस कटौती से छूट मिलेगी यह बदलाव 1 अप्रैल 2025 से प्रभावी होगा और इससे मकान मालिकों को नकदी प्रवाह में सुधार होगा।

दो स्व-स्वामित्व वाली संपत्तियों पर कर छूट

पहले, करदाता केवल एक स्व-स्वामित्व वाली संपत्ति पर कर छूट का लाभ उठा सकते थे, जबकि दूसरी संपत्ति पर कर देयता होती थी हालांकि, 1 अप्रैल 2025 से, सरकार ने दो स्व-स्वामित्व वाली संपत्तियों के वार्षिक मूल्य (Annual Value) को शून्य मानने का निर्णय लिया है, जिससे करदाताओं को दूसरी संपत्ति पर भी कर छूट मिलेगी इससे मध्यम वर्ग के परिवारों को बड़ी राहत मिलेगी और उनकी कर देयता में कमी आएगी।

वरिष्ठ नागरिकों के लिए ब्याज आय पर छूट

वरिष्ठ नागरिकों के लिए, सरकार ने ब्याज आय पर कर छूट की सीमा को ₹50,000 से बढ़ाकर ₹1 लाख कर दिया है इससे वरिष्ठ नागरिकों को अपनी बचत पर अधिक लाभ मिलेगा और उनकी आर्थिक सुरक्षा में वृद्धि होगी यह बदलाव भी 1 अप्रैल 2025 से लागू होगा।

किराए की आय की कर योग्य श्रेणी में बदलाव

वर्तमान में, कुछ मकान मालिक अपनी किराए की आय को ‘व्यवसाय या पेशे से आय’ (Profits and Gains from Business or Profession) के रूप में घोषित करते हैं, जिससे वे मरम्मत, रखरखाव और मूल्यह्रास (depreciation) जैसी कटौतियों का लाभ उठा सकते हैं हालांकि, 1 अप्रैल 2025 से, सरकार ने यह स्पष्ट किया है कि किराए की आय को ‘गृह संपत्ति से आय’ (Income from House Property) के तहत ही घोषित करना होगा इससे मकान मालिकों को 30% की मानक कटौती (standard deduction) का लाभ मिलेगा, लेकिन अन्य व्यय कटौतियों का दावा नहीं कर पाएंगे।

मकान मालिकों के लिए सुझाव

इन नए नियमों के मद्देनजर, मकान मालिकों को निम्नलिखित कदम उठाने चाहिए:

  • किराए की आय की सही रिपोर्टिंग करें: अपनी किराए की आय को ‘गृह संपत्ति से आय’ के रूप में घोषित करें ताकि कर नियमों का पालन हो सके।
  • टीडीएस प्रावधानों की जानकारी रखें: यदि आपकी वार्षिक किराए की आय ₹6 लाख से अधिक है, तो टीडीएस कटौती के लिए तैयार रहें।
  • कर योजना की समीक्षा करें: नए नियमों के अनुसार अपनी कर योजना का पुनर्मूल्यांकन करें और आवश्यकतानुसार समायोजन करें।
  • पेशेवर सलाह लें: कर मामलों में विशेषज्ञों से परामर्श लें ताकि आप सभी कानूनी प्रावधानों का सही ढंग से पालन कर सकें।

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