Land Registry भारत सरकार ने भूमि और संपत्ति की रजिस्ट्री प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी, सुरक्षित और सरल बनाने के लिए नए नियम लागू किए हैं ये नए नियम फरवरी 2025 से प्रभावी होंगे और इनका उद्देश्य भूमि से जुड़े विवादों को कम करना, फर्जीवाड़े को रोकना और रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया को पूरी तरह डिजिटल बनाना है।
अगर आप भी संपत्ति खरीदने या बेचने की योजना बना रहे हैं, तो यह जरूरी है कि आप इन नए नियमों के बारे में पूरी जानकारी लें इस लेख में हम आपको RBI के भूमि रजिस्ट्रेशन के नए नियमों, इसके फायदे और प्रक्रिया में आए बदलावों के बारे में विस्तार से बताएंगे।
भूमि रजिस्ट्रेशन में हुए बड़े बदलाव
सरकार ने डिजिटल इंडिया मिशन के तहत भूमि रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया को पूरी तरह से ऑनलाइन कर दिया है अब रजिस्ट्री के लिए लंबी लाइनों में खड़े रहने की जरूरत नहीं होगी क्योंकि पूरा प्रोसेस डिजिटल हो चुका है।
इसके अलावा, रजिस्ट्रेशन के समय आधार वेरिफिकेशन, ऑनलाइन फीस भुगतान और वीडियो रिकॉर्डिंग जैसी सुविधाओं को अनिवार्य कर दिया गया है इन बदलावों का उद्देश्य भूमि रजिस्ट्रेशन को पारदर्शी और सुरक्षित बनाना है, ताकि भविष्य में जमीन से जुड़े विवादों को कम किया जा सके।
नए भूमि रजिस्ट्रेशन नियम 2025 क्या हैं
सरकार ने भूमि रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया को पूरी तरह डिजिटल और सुरक्षित बनाने के लिए कई बड़े बदलाव किए हैं अब संपत्ति खरीदने और बेचने की प्रक्रिया पहले की तुलना में आसान और तेज होगी आइए जानते हैं इन नए नियमों के बारे में विस्तार से।
1. डिजिटल रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया लागू
अब सभी आवश्यक दस्तावेज़ ऑनलाइन जमा किए जाएंगे, जिससे लोगों को रजिस्ट्रार कार्यालय जाने की जरूरत नहीं होगी रजिस्ट्रेशन के बाद डिजिटल प्रमाणपत्र (E-Certificate) तुरंत जारी कर दिया जाएगा इससे प्रक्रिया तेज और पारदर्शी हो जाएगी।
2. आधार कार्ड से लिंकिंग अनिवार्य
अब संपत्ति रजिस्ट्रेशन को आधार कार्ड से लिंक करना अनिवार्य कर दिया गया है इससे फर्जी दस्तावेज़ों के जरिए संपत्ति हड़पने की घटनाओं पर रोक लगेगी बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन के कारण अब किसी और के नाम पर रजिस्ट्री कराना आसान नहीं होगा।
3. रजिस्ट्रेशन की वीडियो रिकॉर्डिंग अनिवार्य
अब भूमि रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया की वीडियो रिकॉर्डिंग अनिवार्य होगी, जिससे खरीदार और विक्रेता की पूरी प्रक्रिया का डिजिटल रिकॉर्ड रखा जाएगा यदि भविष्य में कोई विवाद होता है, तो यह वीडियो सबूत के तौर पर काम करेगा।
4. ऑनलाइन स्टांप ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन फीस भुगतान
पहले रजिस्ट्रेशन फीस और स्टांप ड्यूटी के लिए लोग सरकारी कार्यालयों में जाकर भुगतान करते थे, जिससे समय और धन दोनों की बर्बादी होती थी लेकिन अब ऑनलाइन भुगतान की सुविधा लागू कर दी गई है, जिससे लोग UPI, नेट बैंकिंग और क्रेडिट/डेबिट कार्ड से भुगतान कर सकते हैं।
5. जमीन के पुराने रिकॉर्ड होंगे डिजिटल
अब सरकार पुराने भूमि रिकॉर्ड को डिजिटल रूप में परिवर्तित कर रही है, ताकि कोई भी व्यक्ति ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से अपनी जमीन की जानकारी प्राप्त कर सके इससे जमीनों पर फर्जी कब्जे और विवादों की संख्या में कमी आएगी।
नए नियमों के फायदे
सरकार द्वारा लागू किए गए नए भूमि रजिस्ट्रेशन नियमों से कई बड़े फायदे मिलेंगे, जिससे न केवल रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया सरल होगी बल्कि धोखाधड़ी के मामलों में भी कमी आएगी।
1. भूमि रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया होगी आसान
अब डिजिटल प्लेटफॉर्म पर रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया पूरी की जा सकती है, जिससे लोगों को बार-बार सरकारी दफ्तरों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे।
2. पारदर्शिता में वृद्धि होगी
अब सभी रजिस्ट्रेशन ऑनलाइन रिकॉर्ड में दर्ज किए जाएंगे, जिससे किसी भी प्रकार की हेराफेरी की संभावना कम होगी।
3. धोखाधड़ी पर रोक लगेगी
अक्सर लोग फर्जी दस्तावेज़ों के जरिए किसी अन्य की जमीन अपने नाम पर करा लेते थे। लेकिन अब आधार लिंकिंग और बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन अनिवार्य हो जाने से यह असंभव हो जाएगा।
4. समय और पैसे की बचत होगी
पहले रजिस्ट्रेशन में कई दिनों का समय लग जाता था, लेकिन अब यह प्रक्रिया कुछ ही घंटों में पूरी हो सकती है।
5. राजस्व में वृद्धि होगी
अब सभी रजिस्ट्रेशन ऑनलाइन होने के कारण सरकारी खजाने को अधिक राजस्व प्राप्त होगा, जिससे विकास कार्यों में तेजी आएगी।
6. जमीन विवादों में होगी कमी
अब डिजिटल रिकॉर्ड होने से भविष्य में भूमि विवादों को हल करने में आसानी होगी और संपत्ति खरीदने वाले लोगों को अधिक सुरक्षा मिलेगी।
नए भूमि रजिस्ट्रेशन नियमों के तहत रजिस्ट्रेशन कैसे करें
अगर आप नए नियमों के तहत भूमि रजिस्ट्रेशन कराना चाहते हैं, तो आपको निम्नलिखित प्रक्रिया का पालन करना होगा:
- राज्य सरकार के भूमि रजिस्ट्रेशन पोर्टल पर जाएं।
- अपने आधार कार्ड से लॉगिन करें और आवश्यक दस्तावेज़ अपलोड करें।
- ऑनलाइन भुगतान करें (स्टांप ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन शुल्क)।
- डिजिटल सिग्नेचर के माध्यम से दस्तावेज़ों की पुष्टि करें।
- रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया की वीडियो रिकॉर्डिंग पूरी करें।
- कुछ ही घंटों में आपको डिजिटल प्रमाणपत्र (E-Registry) प्राप्त हो जाएगा।