टोल टैक्स के नियमों में हुआ यह बड़ा बदलाव, लोगों को मिली राहत जाने क्या है नए नियम Toll Tax Rule Change

Toll Tax Rule Change

भारत में सड़क यात्रा के दौरान टोल टैक्स एक महत्वपूर्ण पहलू है, जो सड़क निर्माण और रखरखाव के लिए आवश्यक धनराशि जुटाने में मदद करता है हालांकि, टोल प्लाज़ा पर लगने वाली लंबी कतारें और बार-बार भुगतान की प्रक्रिया यात्रियों के लिए असुविधाजनक हो सकती है इन्हीं समस्याओं के समाधान के लिए सरकार ने टोल टैक्स प्रणाली में कुछ महत्वपूर्ण बदलावों की घोषणा की है, जो वाहन चालकों के लिए राहत प्रदान करेंगे।

इन नए नियमों के तहत, कुछ विशेष परिस्थितियों में वाहन चालकों को टोल टैक्स से छूट मिलेगी, जिससे उनकी यात्रा अधिक सुगम और किफायती होगी इसके अलावा, टोल भुगतान की प्रक्रिया को डिजिटल और पारदर्शी बनाने के लिए भी कदम उठाए जा रहे हैं।

20 किलोमीटर तक की यात्रा पर टोल टैक्स में छूट

सरकार ने घोषणा की है कि यदि कोई वाहन चालक राष्ट्रीय राजमार्ग या एक्सप्रेसवे पर 20 किलोमीटर या उससे कम दूरी की यात्रा करता है, तो उसे टोल टैक्स का भुगतान नहीं करना होगा यह निर्णय उन यात्रियों के लिए विशेष रूप से लाभदायक होगा, जो अपने दैनिक कार्यों के लिए कम दूरी की यात्रा करते हैं हालांकि, इस सुविधा का लाभ उठाने के लिए वाहन में ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम (GNSS) का सक्रिय होना आवश्यक है।

एनुअल और लाइफटाइम टोल पास की सुविधा

बार-बार टोल भुगतान की प्रक्रिया से छुटकारा पाने के लिए सरकार ने एनुअल और लाइफटाइम टोल पास की सुविधा शुरू करने की योजना बनाई है इस योजना के तहत:

  • वार्षिक टोल पास: 3,000 रुपये के भुगतान पर एक वर्ष तक सभी राष्ट्रीय राजमार्गों और एक्सप्रेसवे पर बिना किसी अतिरिक्त शुल्क के यात्रा की जा सकेगी।
  • आजीवन टोल पास: 30,000 रुपये के भुगतान पर 15 वर्षों तक टोल मुक्त यात्रा का लाभ मिलेगा।

यह पहल यात्रियों के लिए आर्थिक रूप से फायदेमंद होगी और टोल प्लाज़ा पर लगने वाली भीड़ को कम करेगी।

पायलट प्रोजेक्ट के रूप में नई व्यवस्था का परीक्षण

नई टोल प्रणाली को पहले चरण में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में दो राष्ट्रीय राजमार्गों पर लागू किया गया है:

  • नेशनल हाईवे-275 (कर्नाटक): यह मार्ग बेंगलुरु से मैसूर तक जाता है।
  • नेशनल हाईवे-709 (हरियाणा): यह मार्ग रोहतक से पानीपत तक फैला है।

यदि यह पायलट प्रोजेक्ट सफल होता है, तो आने वाले समय में इसे पूरे देश में लागू किया जाएगा, जिससे सभी वाहन चालकों को इसका लाभ मिलेगा।

डिजिटल टोल कलेक्शन की दिशा में कदम

सरकार टोल कलेक्शन प्रक्रिया को पूरी तरह से डिजिटल और पारदर्शी बनाने के लिए प्रयासरत है फास्टैग (FASTag) की सफलता के बाद, अब GNSS तकनीक के माध्यम से टोल भुगतान को और सरल बनाया जा रहा है इससे न केवल टोल प्लाज़ा पर लगने वाली कतारें कम होंगी, बल्कि यात्रियों का समय और ईंधन भी बचेगा।

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