PAN Aadhar New Rule भारत सरकार ने आयकर प्रणाली को सरल और आधुनिक बनाने के उद्देश्य से नया आयकर विधेयक 2025 पेश किया है यह विधेयक 1961 के पुराने आयकर अधिनियम की जगह लेगा और करदाताओं के लिए कर अनुपालन को अधिक सहज और पारदर्शी बनाने का प्रयास करेगा।
इस नए विधेयक में पैन (स्थायी खाता संख्या) और आधार कार्ड से संबंधित नियमों में महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं, जो करदाताओं के लिए जानना आवश्यक है।
पैन और आधार से जुड़े नए प्रावधान
नए आयकर विधेयक के अनुसार, यदि किसी व्यक्ति के पास पैन नहीं है, तो वह आयकर रिटर्न दाखिल करने या अन्य कर संबंधी कार्यों के लिए अपने आधार नंबर का उपयोग कर सकता है हालांकि, ऐसे व्यक्तियों को आयकर विभाग को अपने आधार नंबर की जानकारी देना अनिवार्य होगा।
इसके अतिरिक्त, जिन व्यक्तियों के पास पहले से पैन है और जो आधार के लिए पात्र हैं, उन्हें अपने पैन को आधार से जोड़ना आवश्यक होगा यदि कोई व्यक्ति ऐसा नहीं करता है, तो उसका पैन निष्क्रिय (इनऑपरेटिव) घोषित कर दिया जाएगा।
पैन प्राप्त करने की प्रक्रिया में सरलता
नए विधेयक में पैन प्राप्त करने की प्रक्रिया को भी सरल बनाया गया है अब, भारतीय नागरिकता के मानदंडों का पालन करते हुए, कोई भी व्यक्ति आसानी से पैन के लिए आवेदन कर सकता है यदि किसी व्यक्ति के पास पैन नहीं है, तो वह आवश्यकता पड़ने पर अपने आधार नंबर का उपयोग कर सकता है।