प्रॉपर्टी खरीदने से पहले इन दस्तावेजों की जांच जरूर कर ले, वरना हो सकता है नुकसान Property Document

Property Document हर व्यक्ति का सपना होता है कि वह अपनी खुद की संपत्ति खरीदे, लेकिन इस सपने को पूरा करने के दौरान कई बार लोग जल्दबाजी में गलत फैसले ले लेते हैं अगर आप बिना पूरी जांच-पड़ताल किए कोई नई या पुरानी प्रॉपर्टी खरीदते हैं, तो भविष्य में कानूनी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है इसलिए, यह जरूरी है कि किसी भी संपत्ति में निवेश करने से पहले उसके सभी जरूरी दस्तावेजों की अच्छी तरह से जांच कर लें।

कई मामलों में देखा गया है कि लोग प्रॉपर्टी खरीदने के बाद उसमें कानूनी विवाद, पुराने कर्ज या गलत स्वामित्व से जुड़ी समस्याओं में फंस जाते हैं इससे बचने के लिए प्रॉपर्टी से जुड़े सभी दस्तावेजों की सावधानीपूर्वक जांच करना जरूरी है इस लेख में हम आपको बताएंगे कि किसी भी संपत्ति को खरीदते समय किन जरूरी दस्तावेजों की जांच करनी चाहिए, ताकि भविष्य में किसी भी तरह की परेशानी न हो।

बिक्री विलेख (Sale Deed) की जांच क्यों जरूरी है

जब भी आप किसी संपत्ति को खरीदते हैं, तो बिक्री विलेख (सेल डीड) सबसे महत्वपूर्ण दस्तावेज होता है यह दस्तावेज इस बात का कानूनी प्रमाण होता है कि विक्रेता ने संपत्ति को खरीदार को सौंप दिया है।

इस दस्तावेज को सब-रजिस्ट्रार कार्यालय में रजिस्टर्ड करवाना अनिवार्य होता है अगर बिक्री विलेख सही तरीके से रजिस्टर्ड नहीं है, तो भविष्य में संपत्ति के स्वामित्व को लेकर कानूनी विवाद हो सकता है इसलिए, संपत्ति खरीदने से पहले बिक्री विलेख की सत्यता की जांच करना जरूरी है।

स्वामित्व प्रमाण पत्र (Title Deed) से जानें कि संपत्ति पर कोई विवाद तो नहीं

कई बार लोग जल्दबाजी में प्रॉपर्टी खरीद लेते हैं और बाद में पता चलता है कि संपत्ति पर पहले से ही कोई विवाद चल रहा है इससे बचने के लिए स्वामित्व प्रमाण पत्र (टाइटल डीड) की जांच करना बेहद जरूरी होता है।

यह प्रमाण पत्र यह साबित करता है कि संपत्ति का मालिक वही व्यक्ति है जो इसे बेच रहा है और उस पर किसी तीसरे व्यक्ति का कोई कानूनी अधिकार नहीं है अगर यह दस्तावेज सही नहीं है, तो संपत्ति का स्वामित्व बदलने में समस्या हो सकती है इसीलिए, टाइटल डीड की अच्छे से जांच करना जरूरी है, ताकि भविष्य में कोई समस्या न हो।

एनकम्ब्रेंस सर्टिफिकेट (Encumbrance Certificate) से जानें कि संपत्ति पर कोई बकाया कर्ज तो नहीं

अगर कोई व्यक्ति प्रॉपर्टी खरीदने के लिए बैंक से लोन लेता है और उसे पूरी तरह चुकाए बिना संपत्ति बेचने की कोशिश करता है, तो बाद में खरीदार को बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है एनकम्ब्रेंस सर्टिफिकेट यह प्रमाणित करता है कि संपत्ति पर कोई बकाया लोन या कानूनी विवाद नहीं है।

इस प्रमाण पत्र को सब-रजिस्ट्रार कार्यालय से प्राप्त किया जा सकता है अगर इस सर्टिफिकेट में कोई भी बकाया ऋण दिख रहा है, तो प्रॉपर्टी खरीदने से पहले विक्रेता से इसे निपटाने के लिए कहें अन्यथा, लोन की बकाया राशि चुकाने की जिम्मेदारी आप पर आ सकती है।

मंजूरी योजना और नक्शे की जांच करें

अगर आप किसी नई संपत्ति में निवेश कर रहे हैं, तो यह देखना जरूरी है कि उसका निर्माण वैध है या नहीं इसके लिए नगर निगम या विकास प्राधिकरण से स्वीकृत निर्माण योजना और नक्शे की जांच करें।

अगर कोई संपत्ति बिना मंजूरी के बनाई गई है, तो भविष्य में नगर निगम द्वारा उसे अवैध घोषित किया जा सकता है इसलिए, संपत्ति खरीदने से पहले यह सुनिश्चित कर लें कि उसके निर्माण की सभी स्वीकृतियां पूरी हो चुकी हैं।

नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट (NOC) और अन्य जरूरी कागजात की जांच करें

अगर आप किसी अपार्टमेंट या हाउसिंग सोसाइटी में प्रॉपर्टी खरीद रहे हैं, तो बिल्डर से नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट (NOC) लेना अनिवार्य होता है।

इसके अलावा, संपत्ति खरीदते समय बिजली, पानी और संपत्ति कर से संबंधित सभी जरूरी दस्तावेजों की जांच करना भी महत्वपूर्ण है कई बार बिल्डर या पुराना मालिक बकाया बिल चुकाए बिना संपत्ति बेच देता है, जिससे बाद में नए मालिक को यह भुगतान करना पड़ता है।

क्या संपत्ति का म्यूटेशन किया गया है

म्यूटेशन प्रमाण पत्र यह दिखाता है कि संपत्ति के स्वामित्व को नगर निगम या ग्राम पंचायत के रिकॉर्ड में सही तरीके से दर्ज किया गया है।

अगर कोई संपत्ति खरीदने के बाद उसका म्यूटेशन नहीं होता, तो कानूनी रूप से संपत्ति का मालिकाना हक पूरी तरह से आपके नाम नहीं होगा इसलिए, यह सुनिश्चित करें कि म्यूटेशन की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है और सभी कागजात अद्यतन हैं।

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